वृद्ध व्यक्ति की सामान्य देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है। वृद्धावस्था में व्यक्ति कुछ आम रोगों का शिकार हो जाता है, जिनकी देखभाल के साथ साथ उनमें पाई जाने वाली मानसिक समस्याओं की ओर भी सहानुभूति पूर्ण रवैया व दृष्टिकोण रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
वृद्धावस्था में व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है, उसकी मानसिक योग्यता कमजोर हो जाती है, इसके साथ ही शारीरिक शक्ति भी कम होने लगती है।
वृद्धावस्था के मानसिक रोगों के प्रकार व लक्षण क्या क्या है?
-
:- वृद्धावस्था में होने वाला अवसाद।
जिसको की ओल्ड एज डिप्रेशन भी कहते हैं। इसमें वृद्ध मनुष्य में उदासी की भावना पैदा हो जाती है जो कि बहुत अधिक लोगों में पाई जाती है। उदास मन के इलाज से वृद्ध व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में काफी मदद मिलती है। इनके अलावा वृद्धावस्था में कुछ अन्य लक्षण भी पाए जाते हैं, जैसे की घबराहट, चिंता डर, नींद न लगना, भूख कम लगना आदि।
यहाँ यह बात याद रखनी चाहिए कि अकेलापन वृद्धावस्था में मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। यदि किसी वृद्ध व्यक्ति को शारीरिक विकलांगता हो या उसे सुनाई या दिखाई कम पड़ता हो तो समाज में अन्य व्यक्तियों से संपर्क रखने में और भी अधिक कठिनाई आती है, जिससे उनका अकेलापन बढ़ जाता है। ऐसे में कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ली जा सकती है जो कि काफ़ी मदगार होती हैं। इसके अलावा पारिवारिक चिकित्सा अर्थात फैमिली थैरेपी भी सबसे अधिक उपयोगी सिद्ध होते हैं। -
:- मन शारीरिक रोग अर्थात साइकोसोमैटिक डिसॉर्डर।
इसमें वे शारीरिक रोग आते हैं। जो शारीरिक व मानसिक दोनों कारणों से होते है जैसे की,
- पेट या आंत के जख्म, जिसे अल्सर भी कहते हैं।
-
दमा या अस्थमा, मधुमेह या डायबिटीज़,विभिन्न चर्मरोग, हृदय रोग,उच्च रक्तचाप
आदि इस प्रकार के रोगों की श्रेणी में आते हैं है।
प्रायः ये रोग लंबे समय तक भावनात्मक तनाव जैसे कि असुरक्षा की भावना, गुस्सा या चिड़चिड़ापन, अधिक चिंता या डर आदि रहने से होते हैं। इन मानसिक तनावों के कारण कुछ शारिरिक क्रियाओं के परिवर्तन होने लगते हैं जैसे कि, आमाशय से अधिक तेजाब बनना जिससे आंतों के जख्म होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं दूसरी ओर श्वास की नलियों के सिकुड़ने से दमा या अस्थमा की बिमारी भी हो सकती है। - हृदयगति का तेज हो जाना जिसको पल्पिटेशन कहते हैं इसमें प्रायः मरीज़ में ऐंगज़ाइटी या घबराहट देखने को मिलती है।
- अन्य रोग जो वृद्ध व्यक्तियों में दिखाई देते हैं उसमें से एक प्रकार है पैराफ्रेनिया जिसमे विभ्रम य मतिभ्रम के लक्षण दिखाई देते हैं, भी एक उम्र के बाद हो सकता है
- डिमेंशिया यानी भूलने की बिमारी या याददाश्त की कमी। यह रोग वृद्धावस्था में होने वाले सबसे कॉमन या सबसे बहुतायत में होने वाले रोगों में से एक है।
इनका इलाज किस प्रकार किया जाता है।
ऐसे रोगों की चिकित्सा सभी प्रकार के कारणों का पता लगाकर की जाती है। शारीरिक कारणों के इलाज के साथ साथ, किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ की सलाह लेकर, मानसिक तनाव आदि का उपचार भी किया जाना चाहिए। जो कारण अधिक महत्वपूर्ण हो उसका निदान करके वृद्धावस्था के शारिरिक व मनोरोगों का सही प्रकार से इलाज संभव है।